भावनात्मक जुड़ाव
प्रबंधन और उधामिता के क्षेत्र में तार्किक बुध्दि का अपना ही महत्व हैं पंरतु कई बार लक्ष्य से भावनात्मक जुड़ाव हमें कुछ असंभव भी हासिल करने के लिए तैयार करता है। योजना तैयार करते वक्त हमें तार्किक बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए पर योजना के क्रियावन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता लक्ष्य से हमारे भावनात्मक जुड़ाव पर निर्भर करती हैं।
उधामिता में एक बात हमेशा कही जाती हैं कि "ignorance is bliss" अर्थात अज्ञानता परमानंद है। कहने का मतलब है किजब हम किसी बात के बारे में ज्यादा नहीं जानते तब हम उसे करते समय असंभव लक्ष्य की प्राप्ति करते हैं क्योंकि ज्ञान के अभाव में हम तर्क वितर्क करें बिना लक्ष्य से भावनात्मक रूप से जुड़ जातें हैं। जैसा की राबिन शर्मा कहते हैं कि "The mind can be a limiter. The emotions are the liberator". Robin Sharma. अर्थात बुद्धि हमें बांधती हैं वही भावनायें हमें मुक्त करतीं हैं । लक्ष्य निर्धारण और उसकी प्राप्ति के संदर्भ में यह बात शत प्रतिशत सही है।
जितेन्द्र पटैल
उधामिता में एक बात हमेशा कही जाती हैं कि "ignorance is bliss" अर्थात अज्ञानता परमानंद है। कहने का मतलब है किजब हम किसी बात के बारे में ज्यादा नहीं जानते तब हम उसे करते समय असंभव लक्ष्य की प्राप्ति करते हैं क्योंकि ज्ञान के अभाव में हम तर्क वितर्क करें बिना लक्ष्य से भावनात्मक रूप से जुड़ जातें हैं। जैसा की राबिन शर्मा कहते हैं कि "The mind can be a limiter. The emotions are the liberator". Robin Sharma. अर्थात बुद्धि हमें बांधती हैं वही भावनायें हमें मुक्त करतीं हैं । लक्ष्य निर्धारण और उसकी प्राप्ति के संदर्भ में यह बात शत प्रतिशत सही है।
जितेन्द्र पटैल
Get👌🖤
ReplyDeleteThanks a lot
ReplyDeleteGreat thoughts!
ReplyDeleteThanks for your kind words 🙏🙏🙏🙏
Deletenice one sir
ReplyDeleteThanks for your kind words 🙏🙏🙏🙏
DeleteNice
ReplyDeleteThanks for your kind words 🙏🙏🙏🙏
DeleteEffective dear !
ReplyDeleteThanks for your kind words 🙏🙏🙏🙏
DeleteLoved ur content.
ReplyDeleteThanks for your kind words of appreciation 🙏🙏🙏
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