सकारात्मक बदलाव


एक बार एक व्यक्ति सागर किनारे लहरों में आ रही मछलियों को जीवनदान देने के उद्देश्य से उन्हें फिर से सागर में फेंक रहा था।उसे   ऐसा करते देख उसके मित्र ने उससे कहा कि यहाँ तो प्रतिदिन हजारों मछलियां अपने प्राण त्याग  देती हैं। तुम्हारे कुछ मछलियों के प्राण बचाने से कोई विशेष बदलाव नहीं आ जाएगा। ऐसा सुनकर वह व्यक्ति कहता है कि मैंने अपने प्रयास से इन मछलियों का जीवन बदल दिया मेरे लिए यहीं काफी हैं। एक शिक्षक प्रबंधक एवं मार्गदर्शक होने के नाते हमारा भी परम उद्देश्य अपने छात्रों अधिनस्थों एवं अनुनयों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना हैं और ऐसा करते समय हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि हमनें कितने लोगों के जीवन को प्रभावित किया। हमारा दायरा कितना भी छोटा क्यों न हो हमें इस बदलाव की प्रक्रिया को निरंतर जारी रखना चाहिए।

यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं।
जितेंद्र पटेल।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

नव संचित नव निर्मित भारत

चंदा मामा पास के

आर्य सत्य