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Showing posts from March, 2021

ईट लव एंड प्रे (Eat Travel and Pray)

  “ Good friend listen to your adventures the best friend makes them with you.” पिछले दिनों की कुछ बहुत अच्छे दोस्तों के साथ की गई शिर्डी यात्रा में ऊपर‌ की गई बात एक दम सही साबित हुई। यात्राएं‌ हमें जीवन भर की सुहानी यादें और‌ बहुत सारा‌ अनुभव देती हैं। यात्रा हमारे ज्ञान को बढ़ाती है और हमारी व्यवहारिक कुशलता को प्रखर करती है। यात्राएं‌ के दौरान‌ हमारा सामना कई प्रकार के लोगों और परिस्थितियों से होता हैं यह हमें एक कुशल संचारक और पारिस्थित्यात्मक नेतृत्व( Situational leadership) क्षमता को बढा़ता है। दोस्तों के साथ की गई यात्राएं‌ रोमांच और मस्ती भरी होती हैं। समान‌ सोच वाले दोस्तों के साथ की गई यात्राएं‌   बहुत सारे किस्से कहानी और चर्चाओं‌ का संसार खोलती है। ऐसी यात्राएं‌ हमारी दोस्ती को और गहरा बनाती हैं। साथ ही हमें कभी ना भूलने वाले किस्से और अनुभव देती हैं। यात्रा हमारी सोच को व्यापक बनाती हैं और हमारे जीवन को नया आयाम देती हैं। यात्रा के दौरान हर जगह की विविधता और विभिन्न प्रकार का भोजन हमें प्रकृति के और करीब ले जाता हैं और हमारी शारीर को और समक्ष और अनुकूल बनाता‌ हैं।

आदि देव शंकरा

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  हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान शंकर महेश्वर है वह सौम्य और भोले है उनके जीवन चरित्र से हमें काफी कुछ शिक्षा मिलती है। आज के इस दौर में जब चीजें संतुलित नहीं है इंसान छोटी छोटी बातों पर कोध्रित हो जाता हैं तब भगवान शंकर से हम सौम्यता एवं संतुलन सीख सकते है। भगवान शंकर अपने साथ दो बिलकुल विपरीत गुणों वाली वस्तुओं को लेकर चलते हैं वह वैरागी है पर माँ  पर्वती के साथ आदर्श गृहस्थ भी है। हिन्दू धर्म में उन्हें विनाशक के रुप में देखा जाता हैं पर वह कई कथाओं के सृजनकृता और कई नगरों के निर्माता है वह जल्दी प्रसन्न होने वाले और सौम्य है परंतु अपने रुद्र अवतार में बलशाली और भयावह भी है। वह देवताओं पर भी कृपा करतें है और उन्हें असुर भी प्रिय है। उनके माथे पर चंद्रमा विराजित जो शीतलता का प्रतीक है वही उनके कंठ में विष का वास है जो की उग्रता का प्रतीक हैं। वह अपनी जटाओं में गंगा धारण करें हुए है और उनके तीसरे नैत्र में  अग्नि का वास है। वह नटराज के रूप में कुशल नृत्यक है तो तांडव कर सृष्टि का संधार भी करते हैं। इतनी सारी विषमताओं के साथ भी भगवान शिव संतुलित, संयमी और सौम्य है जबकि हम थोड़ी परेशानी मे

बदलाव

आज हम मार्च माह के दुसरे हफ्ते में प्रवेश कर रहे हैं और अगर आप लोग अपने नव वर्ष संकल्पों पर अभी भी कायम है तो यकीन मानिए की आप अपने संकल्पों में जरूर कामयाब कामयाब होंगे। नया वर्ष हर बार अपने साथ नवसंकल्पों की बेला लेकर आता है। यह अच्छे खाने, जिम जाना, पढने की आदत या किसी बुरी आदत को‌ छोडना हो सकती है। ‌पर हम में से कई इन्हें पूरा नहीं कर पाते हैं साथ ही इन्हें पहले दो महीनो में ही छोड़ देते हैं। किसी भी तरह का संकल्प‌ बदलाव लेकर आता है और इस बदलाव के लिए मन को तैयार करना बहुत कठिन है। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखा जाए तो कोई भी नई आदत डालने में इक्कीस दिन का समय लगता है और उसे दिनचर्या का हिस्सा बनाने में नब्बे दिन लगते है। ऐसे में हमारा निरंतर प्रयास परम आवश्यक है। हमारा मस्तिक किसी भी कार्य को उससे मिलने वाले प्रतिसाद से जोड़ता है इसलिए वह एक ऐसे तंत्र का निर्माण करता है जो की हर बार आपको उसी सुख का अनुभव कराता है और इस तरह वह हमें अपनी सहज प्रवृत्ति नहीं छोड़ने देता है और नया बदलाव लाना और भी कठिन हो जाता हैं। ऐसे में शुरूआती मुश्किलों को नजरंदाज कर दूरगामी नतीजे पर ध्यान देना

श्रेष्ठ प्रबंधक हनुमान

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भारतीय शिक्षा पध्दति एवं ग्रंथ प्रबंधन शिक्षा के असंख्य उदाहरण से भरे पड़े हैं। वैसे  तो हर ग्रंथ को प्रबंधन से जोड़ा जा सकता है। परन्तु श्रीमद भगवत गीता और रामायण  प्रबंधन के सर्वोपरि एवं महत्वपूर्ण ग्रंथ हैं।  मेरा ऐसा मानना है कि रामायण चत्रित निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास के लिए सर्वोत्तम कथा हैं। रामायण का हर एक पात्र अपने आप में आदर्श व्यक्तित्व का धनी हैं।  अपितु हनुमान जी को  रमायण में वर्णित सर्वोत्तम एवं उत्तम चत्रित कहना कदापि अनुचित नहीं होगा।  हनुमानजी के गुणों का वर्णन करने के लिए गोस्वामी तुलसीदास जी ने  हनुमान चालीसा की रचना की और रामचरित मानस का एक अध्याय सुंदरकांड उन्हें के पराक्रम को समर्पित किया। यो तो हनुमानजी गुणों की खान हैं। वह कर्तव्यनिष्ठ, स्वामी भक्त एवं अतुलित साहासी है।  आइए हनुमानजी के जीवन से कुछ प्रबंधन के गुण सीखे। लक्ष्य पर फोकस लंका जाते वक्त हनुमान जी ने कहीं विश्राम नहीं किया। मैनाक पर्वत के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहें और सीता जी से भेंट के बाद और लंका दहन के बाद ही विश्राम किया । हम में से कई लोग अपने लक्ष्य के