कैरियर विकल्प
यह कहानी एक अभिवावक के द्वारा अपने बच्चे से अपेक्षा को दर्शाती है। हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में जब भारतीय अभिवावकों से उनके बच्चों के कैरियर विकल्पों के बारे में पूछा गया तब वह सिर्फ सात विकल्पों के साथ आए। नब्बे के दशक में सारे माता-पिता अपने बच्चों को डाक्टर या इंजीनियर बनना चाहते थे।
एक शिक्षक, कैरियर काउन्सलर और एक पिता होने के नाते मुझे इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए। भारतीय शिक्षा व्यवस्था शुरू से ही अपनी गुणवत्ता के लिए जानी जाती हैं और उसने कई युवाओं को अपने कैरियर के उच्च स्तर पर पदस्थ किया है। परंतु वर्तमान परिदृश्य में इसमें कुछ बड़े बदलाव की आवश्यकता है जैसे कि सिद्धांतिक और लिखित शिक्षा जो रटने पर जोर देती है को छोड़कर कौशल विकास पर जोर दिया जाना चाहिए।
वैसे नई शिक्षा नीति 2020 ( New Education Policy) में कौशल विकास, अंतःविषय और बहुविषयी कैरियर विकल्पों की बात की गई है। इस तरह बच्चों के पास रोजगार कौशल और कई बेहतर कैरियर विकल्प होगें। साथ ही यह नीति नवाचार, इनोवेशन, समास्या समाधान (प्रोब्लम सॉल्विंग) और डिजाइन थिंकिंग जैसे विषयों को प्रभावी ढंग से उपयोग करती है जिससे विधार्थियों के बहुआयामी व्यक्तित्व का विकास होगा।
भारत एक विकासशील देश है और इस देश में काफी समस्याएं भी हैं परंतु एक अच्छी बात है कि इन समस्याओं का सफल और सतत् समाधान निकालना भी एक कैरियर विकल्प है। आज उधमिता को कई युवक अपना रहे है और वह नौकरी खोजने वाले की जगह नौकरी देने वाले बन रहें हैं। स्टॉर्टअप इंडिया स्टैंड अप इंडिया जैसी योजनाओं के जरिए सरकार भी उधमिता को बढ़ावा दे रही है। अभिभावकों को चाहिए कि वह अपने बच्चों पर भरोसा रखें आपका उत्साहवर्धन उन्हें उधमिता और राष्ट्र विकास में सहयोगी बनाएगा।
आज युवा अपने शौक को कैरियर के रूप में बढ़ाना चाहते है नए कौशल जैसे फोटोग्राफी, वीडियो एडिटिंग, पॉडकास्टिंग, ब्लॉगिंग, पेंटिंग, कंटेंट क्रिएशन, रेडियो जॉकी, फिटनेस ट्रैनिंग,योगा आदि को प्रभावी कैरियर विकल्पों में अपना समय और ऊर्जा दे रहे हैं।फेसबुक, इंस्टाग्राम और पिनिंटरेस्ट जैसे कई सोशल मीडिया माध्यमों से वह लाखों लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं और काफी पैसा कमा रहे हैं।
आज विधार्थी अपने कैरियर के साथ प्रयोग करना चाहते हैं और आर्थिक संपन्नता उन्हें ऐसा करने दें रही है। उन्हें बस आपका उत्साहवर्धन विश्वास और साथ चाहिए। यकीन मानिए अगर आपको अपने बच्चों के पंखों और सपनों पर भरोसा है तो उन्हें अपने पंख फैलाने दीजिए वह सही दिशा में बहुत ऊंची उड़ान भरेंगे और सारा आकाश उनका होगा ।
यह लेखक के व्यक्तिगत विचार है इस लेख की प्रेरणा ओशो की कहानी से ली गई है।
डॉ जितेन्द्र पटैल
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