अभ्यास की शक्ति


"करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान ।  रसरी आवत जात हैं सील पर पड़त निशान ।।"संस्कृत के महान कवि वृन्द द्वारा रचित यह दोहा अभ्यास का  महत्व समझता हैं और हमें हमेशा अभ्यास करने के लिए प्रेरित करता हैं। अभ्यास से ही कम बुद्धि वाला व्यक्ति भी बुध्दिमान हो सकता हैं । रस्सी के आने जाने पर पत्थर पर  भी निशान आ जाते हैं। " Those who sweat in peace have to bleed less in war". Norman Schwarzkopf अर्थात शांति के समय पसीना बहाने वालों को युद्ध में कम रक्त बहाना पड़ता हैं। निरन्तर किया गया अभ्यास हमें बड़ी चुनौतियों के लिए तैयार करती हैं। कड़ी मेहनत और अभ्यास का कोई विकल्प नहीं हैं। अभ्यास की शक्ति को पहचान कर से सारे कार्यो में सफल हुआ जा सकता हैं।
जितेंद्र पटैल। 

Comments

  1. 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 बहुत बहुत धन्यवाद अंकित

    ReplyDelete
  2. Replies
    1. 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 बहुत बहुत धन्यवाद

      Delete
    2. Be it music, studies or sports. Practice is important.

      Delete
  3. Replies
    1. 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 बहुत बहुत धन्यवाद

      Delete
  4. 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 बहुत बहुत धन्यवाद

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

नव संचित नव निर्मित भारत

चंदा मामा पास के

आर्य सत्य