स्थिर मन

हवा में फड़फड़ाते हुए झंडे को देख कर एक मित्र दुसरे मित्र से कहता हैं कि फड़फड़ाहट हवा में हैं। तो दुसरा मित्र कहता है कि नहीं फड़फड़ाहट झंडे में है। अपनी इस दुविधा से जब वह अपने गुरु को अवगत  करते हैं। तो गुरु उत्तर देते हैं कि असली फड़फड़ाहट मन में हैं। कहने का अर्थ यहीं हैं कि जब तक मन स्थिर नहीं होगा तब तक बाहरी दुनिया के  आकर्षण हमें  आकर्षित करते रहगें और हमें अपने लक्ष्य प्राप्ति से भटकाते रहेगें। अपने मन को स्थिर करके हर लक्ष्य को हांसिल किया जा सकता हैं। स्थिर मन मे ही चेतना का वास होता है।
जितेंद्र पटेल

Comments

  1. चित्त को स्थिर किया जा सकता है जिससे मन भी सुस्थिर हो जाता है

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    1. आपके इस उत्तम विचार से मैं पूर्ण रूप से सहमत हूँ।

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    2. बहुत बहुत धन्यवाद

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  2. बढ़िया, पंक्ति 4 सुधार की आवश्यकता (फह)

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    1. भूल के लिए क्षमा । सुधार कर लिया है। बहुत बहुत धन्यवाद। 🙏🙏🙏

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