स्थिर मन
हवा में फड़फड़ाते हुए झंडे को देख कर एक मित्र दुसरे मित्र से कहता हैं कि फड़फड़ाहट हवा में हैं। तो दुसरा मित्र कहता है कि नहीं फड़फड़ाहट झंडे में है। अपनी इस दुविधा से जब वह अपने गुरु को अवगत करते हैं। तो गुरु उत्तर देते हैं कि असली फड़फड़ाहट मन में हैं। कहने का अर्थ यहीं हैं कि जब तक मन स्थिर नहीं होगा तब तक बाहरी दुनिया के आकर्षण हमें आकर्षित करते रहगें और हमें अपने लक्ष्य प्राप्ति से भटकाते रहेगें। अपने मन को स्थिर करके हर लक्ष्य को हांसिल किया जा सकता हैं। स्थिर मन मे ही चेतना का वास होता है।
जितेंद्र पटेल
Ultimate
ReplyDeleteचित्त को स्थिर किया जा सकता है जिससे मन भी सुस्थिर हो जाता है
ReplyDeleteआपके इस उत्तम विचार से मैं पूर्ण रूप से सहमत हूँ।
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद
DeleteNice thought
ReplyDeleteThanks a lot
Deleteबढ़िया, पंक्ति 4 सुधार की आवश्यकता (फह)
ReplyDeleteभूल के लिए क्षमा । सुधार कर लिया है। बहुत बहुत धन्यवाद। 🙏🙏🙏
DeleteThanks a lot
ReplyDelete👍
ReplyDelete🙏🙏🙏
DeleteGood👍
ReplyDeleteThanks🙏🙏🙏
Delete👌👍
ReplyDeleteWahooo good one bro 💯
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