बदलाव


आज हम मार्च माह के दुसरे हफ्ते में प्रवेश कर रहे हैं और अगर आप लोग अपने नव वर्ष संकल्पों पर अभी भी कायम है तो यकीन मानिए की आप अपने संकल्पों में जरूर कामयाब कामयाब होंगे।

नया वर्ष हर बार अपने साथ नवसंकल्पों की बेला लेकर आता है। यह अच्छे खाने, जिम जाना, पढने की आदत या किसी बुरी आदत को‌ छोडना हो सकती है। ‌पर हम में से कई इन्हें पूरा नहीं कर पाते हैं साथ ही इन्हें पहले दो महीनो में ही छोड़ देते हैं।

किसी भी तरह का संकल्प‌ बदलाव लेकर आता है और इस बदलाव के लिए मन को तैयार करना बहुत कठिन है। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखा जाए तो कोई भी नई आदत डालने में इक्कीस दिन का समय लगता है और उसे दिनचर्या का हिस्सा बनाने में नब्बे दिन लगते है। ऐसे में हमारा निरंतर प्रयास परम आवश्यक है। हमारा मस्तिक किसी भी कार्य को उससे मिलने वाले प्रतिसाद से जोड़ता है इसलिए वह एक ऐसे तंत्र का निर्माण करता है जो की हर बार आपको उसी सुख का अनुभव कराता है और इस तरह वह हमें अपनी सहज प्रवृत्ति नहीं छोड़ने देता है और नया बदलाव लाना और भी कठिन हो जाता हैं। ऐसे में शुरूआती मुश्किलों को नजरंदाज कर दूरगामी नतीजे पर ध्यान देना चाहिए यह आपको आगे तक प्रोत्साहित करने में मदद करेंगा। नई आदत के लिए नित्य का नियम बनाना भी आवश्यक है यह आपके दिमाग में नया तंत्र विकसित करने में मदद करेंगा ।

कोई भी कार्य बिना लक्ष्य निर्धारित करें पूरा नहीं हो सकता हैं इसलिए बदलाव के लिए भी स्पष्ट और संभव लक्ष्य बनाना महत्वपूर्ण हैं। साथ ही यह भी याद रखें की मन चाहे नतीजे पाने में वक्त लग सकता है और‌ खुद पर की गई अधिक काडा़ई आपको चमत्कारी और अति शीघ्र लाभ नहीं देगी। बदलाव के दौरान प्रात्प की गई छोटी उपलब्धियों का जश्न मनाना भी जरूरी है यह आपको अलगे लक्ष्य तक प्रोत्साहित करने का काम करती हैं।

बदलाव के समय आध्यात्मिकता योग ध्यान जैसी प्रक्रिया भटकाव से रोकती है और‌ बदलाव की कठिन अवस्था में मन‌ को दृण बनाती हैं। आस्था विश्वास और मन को साध कर हर बदलाव को हासिल किया जा सकता है और सकारात्मक बदलाव आपके आत्मविश्वास को और अधिक प्रबल‌ कर देगा और जीवन में नई खुशियाँ,उमंग और उत्साह लाएगा ।

जितेन्द्र पटैल ।

Comments

  1. पूर्णतः सहमत। बल्कि ये कहना भी गलत नहीं कि जो नव वर्ष संकल्प नहीं लेते वो अपने जीवन से एक बहुमूल्य मोती खो देते हैं।

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    1. आपकी बात ने लेख ‌का सारांश कह दिया। नव‌ वर्ष संकल्पों को पूरा करने से अधिक महत्वपूर्ण उन्हें निरंतर करते रहना हैं।

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