अवसर और सम्मान
एक बार एक ऊँट का बच्चा अपनी माँ से पूछता हैं कि हमारे पंजे बड़े और नरम क्यों है तो माँ कहतीं हैं ताकि हम गरम रेत पर चल सके। फिर वह पूछता हैं कि हमारी गर्धन इतनी लंबी क्यों है । इस पर माँ उत्तर देती है रेगिस्तान में झाडियों में हरे पत्ते ऊपर की तरफ ही लगते हैं। लंबी गर्धन से हम उन्हें ठीक से खा सकते है। जिज्ञासु पुत्र फिर से सवाल करता है कि हमारी पीठ पर बड़ासा उठाव किस लिए हैं तब माँ बताती है कि रेगिस्तान में भोजन की कमी के कारण हम अपनी पीठ में भोजन जमा कर सकते है। इन सब गुणों के कारण ही हमें रेगिस्तान का जहाज कहा जाता हैं। इस पर पुत्र पुनः बोलता है कि फिर माँ हम इस चिडिय़ाघर में क्या कर रहे है। इस सवाल का कोई भी उत्तर माँ के पास नहीं होता है।
हमें भी इस बात को हमेशा समझना चाहिए कि हमारी क्षमता, ज्ञान और कौशल का सही महत्व एवं सम्मान तभी है जब हम उचित जगह पर होतें हैं। साथ ही जब हमें वह स्थान प्राप्त होता है तो हमें अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग करना चाहिए। और जब तक हम उस स्थान पर नहीं पहुंच पाते तब तक हमें अपने ज्ञान और कौशल पर काम करते रहना चाहिए और उचित स्थान पर आने का प्रयास करते रहना चाहिए। साथ ही जब हम नौकरी चुनते हैं तब हमें हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा कार्यक्षेत्र हमारी क्षमताओं और कौशल का पूर्ण सम्मान करें और उनको निखारने का पूरा अवसर प्रदान करें।
जितेन्द्र पटैल।
Good one bro keep on 💯
ReplyDeleteThanks buddy
DeleteNice Story...It should be circulated in corporate world. :)
ReplyDeleteThanks a lot for appreciation
Deleteबहोत ही वैचारिक कहानी है!
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद🙏🙏🙏
DeleteI don't how it came into your mind, truly it's a good short story
ReplyDeleteThanks a lot. It is due to my regular reading process. 🙏🙏🙏
DeleteNice story sir
ReplyDeleteThanks a lot 🙏🙏🙏
DeleteThanks a lot
ReplyDeleteVery strong message in so less words
ReplyDeleteGood one sir 👍
ReplyDelete