उत्साहवर्धन
किसी से सुबह सुबह हँस के मिलना उसका पूरा दिन अच्छा कर सकता है। छोटी छोटी तारीफें, किसी को बात रखने का मौका देना ,किसी की बात सुनना उस व्यक्ति को उत्साहित करती हैं और वह अपनी बात ज्यादा अत्मविश्वास के साथ कह सकता हैं। एक शिक्षक और प्रबंधक का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अपने विधार्थी एवं अधिनस्थों का उत्साहवर्धन हैं। आपके द्वारा की गई तारीफ उसे अपने विचारों को स्पष्ट तरह से प्रकट करनें का साहस देती हैं। छोटे शहरों और कस्बों से आए बच्चे शायद पहली बार मंच का सामना कर रहे हो उस समय उन्हें साहस देना उनका मनोबल बढ़ाना काफी महत्वपूर्ण है।
एक शिक्षक एवं प्रबंधक के जीवन में ऐसे कई मौके आते हैं जब वह अपने विधार्थी की तारीफ करेंं परंतु प्रायः हम छोटी छोटी बातों की तारीफ नहीं करते हैं और हमेशा कुछ बड़ा करनें पर ही प्रंशसा करते है। याद रखें किसी की तरफ मुसकुराना, उसकी खुले मन से की गई प्रसंशा, पीठ थपथपना,हँस कर मिलना विधार्थी एवं अधीनस्थों को अपने
ज्यादा करीब लाती हैं और वह अपके द्वारा दिए गए कार्योंं को पूरे उत्साह और ईमानदारी से करते हैं। यहां मैं यह भी स्पष्ट करना चाहुँगा कि कार्य का मूल्याँकन पूरी ईमानदारी से करें और सुधारों को बताएं। पर उत्साहवर्धन के मौकोंं को न गवाएं।
जितेन्द्र पटैल।
Motivation and kindness are very essential, virtue of human kind
ReplyDeleteThanks you have said it very truly the can change the human nature
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