घर की रौनक बच्चे

अक्सर हमारे माँ बाप हमें यह कहते हैं कि जब तुम पिता बनोगे तब ही तुम्हें हमारी भावना समझ में आएगीं। यह बात शत प्रतिशत सत्य हैं हमें पितृत्व का अहसास माता पिता बनकर ही होता हैं। साथ ही यह बात भी बिल्कुल सच हैं कि घर में बच्चे होने से घर में रौनक लग जाती है और हम भी अपने बच्चों के साथ बच्चे बन जाते हैं। बच्चों की शरारत उनकी मस्ती हमें खुश करतीं हैं। उनकी जिज्ञासु प्रवृत्ति और कभी ना खत्म होने वाले प्रश्न हमें अगले प्रश्न के लिए सतर्क करतें हैं। उनकी मासूमियत और जिद्द हमारा मन मोह लेतीं हैं। कई बार उनकी समझदारी भारी बातें हमें अश्चर्य में डाल देती हैं।
 उनको हर चीज में प्रथम ( first) ही आना होता हैं फिर चाहे वार्नविटा ( Bournvita) पीने में या फिर किसी भी खेल में अगर वह अकेले भी खेले तो भी। सीधी बातें उन्हें समझ नहीं आती है और उसी बात को घुमाकर कहने पर वह उसे झठ से समझ जाते हैं और कई बार गंभीर बातों को भी समझ जाते हैं। शक्तिमान,राम, कृष्ण , एवेनजर , मोगली, सुपरमैन और बेटमैन के बीच बच्चों की अपनी ही दुनिया हैं और अगर आप उस दुनिया का हिस्सा हो तो आपको अपने आप को सौभाग्यशाली मानना चाहिए। 

बच्चों के साथ समय बिताए और अपना बचपना फिर से जिएं याद रखें आप के बच्चों के साथ बिताया हुआ वक्त उनके जीवन पर गहरा प्रभाव डालता हैं और यह सुनहरा समय कभी भी वापस नहीं आएगा। लॉकडाउन का अधिक से अधिक  समय अपने बच्चों के साथ व्यतीत करें। 
जितेन्द्र पटैल। 

Comments

  1. आज मेरे 8 वर्ष के बेटे ने पूछा पापा शरीर के अंगो को नाम किसने दिया..

    जैसे दांत, बाल या अन्य

    इसका उत्तर गूगल पर भी नही है....

    अब बताओ

    पंकज दुबे

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    1. यहीं नसमझी भरी समझ ही तो ही बच्चों को अनोखा बनाती हैं। 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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    1. Thanks for the appreciation vinayak 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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  3. Replies
    1. Thanks for the appreciation 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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  4. यथार्थ कहा मित्र ... अक्सर बच्चोँ के साथ बच्चे बन कर हम बड़े भी अपनी समस्याओं को कुछ समय के लिए जाते है ..

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