भाषा बाधा या संचार का माध्यम


भाषा संचार का एक माध्यम होने के साथ खुद को व्यक्त करने का सर्वोत्तम साधन भी है। पंरतु आजकल विधार्थी इसे अपनी सबसे बड़ी समस्या मानते हैं। बहुत से विधार्थी मेरे पास कम्युनिकेशन स्किल ( संचार कोशल) में  होने वाली बाधा को लेकर आते हैं जो की विशेषकर अंग्रेजी में बोलने में होने वाली समस्या होती है। वह मुझसे अच्छा कम्युनिकेशन और बेहतर व्यक्तित्व बनाने की सलाह मांगते हैं। पर जब मैं उन्हें अपनी भाषा में परिचय देने को कहता हूं जो की प्रया हिंदी होती हैं। मैं उन्हें हिंदी में भी परिचय देने और किसी विषय पर चर्चा करने में असमर्थ पाता हूं। मेरे अनुसार बड़ी समस्या अंग्रेजी ना बोल पाना नहीं है अपितु किसी भी विषयपर उनकी जानकारी का अभाव है। ज्ञानक्षेत्र  में समायिक जानकारी का अभाव उन्हें किसी भी विषय वस्तु पर चर्चा करने में असक्षम बनाता है। विषय वस्तु पर आपकी पकड़ और ज्ञान ही आपको बोलने का साहस और आत्मविश्वास देता है। फिर भाषा बाधा या अवरोध ना होकर केवल संचार का माध्यम हो जाती है। ऐसा कहकर मैं कहीं भी अंग्रेजी की महत्वता को कम नहींं कर रहा हूं। आज के वैश्विक परिवेश में अंग्रेजी भाषा का ज्ञान अनिवार्य है। मेरा विधार्थी से यही  अनुरोध है कि वह किसी भी विषय पर बोलने से पहले उसे समझें और उसके बारे में इंटरनेट से अखबारों से जानकारी प्राप्त करें। महत्वपूर्ण बिंदुओं को रेखांकित करें रूप रेखा तैयार कर बोलें। भाषा पर पकड़ और उसमें अपने को व्यक्त ना कर पाने की समस्या से ज्ञान के माध्यम से ही जीता जा सकता है। अच्छी तैयारी  और ज्ञान होने पर भाषा बाधा नहींं अपितु संचार का माध्यम ही हैं और हम अपने विचार  किसी भी भाषा व्यक्त कर सकते है।

यह लेख  लेखक के व्यक्तिगत विचार है।

जितेन्द्र पटेल

Comments

  1. शानदार प्रस्तुति।

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  2. बहुत ही उत्कृष्ट विचार👌🏻
    भाषा तो सिर्फ जरिया है हमे औरों से भेद हमारा ज्ञान व कौशल्य करता है।

    आदरणीय गुरुजी सादर प्रणाम

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    1. धन्यवाद।
      आप ने इस लेख का सार प्रस्तुत कर दिया।

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  3. बहुत सटीक लिखा है आपने सर

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    1. आपके प्राभावी शब्दों के लिए बहुत धन्यवाद ।

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