परिवार का महत्व
हमारे जीवन के तीन महत्वपूर्ण पहलु हैं। व्यावसायिक समाजिक एवं पारिवारिक। एक समय में हम इन में से ज्यादा से ज्यादा दो पहलु को संतुलित कर सकते हैं।और जब इनको चुनने की बारी आती हैं तो हम व्यावसायिक और समाजिक पहलु को ही प्राथमिकता देते हैं और इस आपाधापी में हमारा परिवार कहीं न कहीं पीछे छूट जाता हैं। व्यावसायिक व्यस्ता के चलते समाजिक प्रतिष्ठा और दोस्तों के साथ के कारण परिवार उपेक्षित रह जाता हैं। साप्ताहांत पर मिलने वाले अवकाश में भी कहीं घुमकर आ जाने से या लंबी छुट्टी में कहीं बाहर की सैर कर आने से हम अपनी परिवारिक जिम्मेदारी को निभा लेते हैं।
कोरोना की रोकथाम के लिए मिलने वाली यह लंबी छुट्टी और घर से काम करनें की आजादी ने हमें हमारे परिवार के साथ वक्त बिताने का सुनहरा अवसर प्रदान किया हैं। विशेष तौर पर अपने बच्चों के साथ और युवाओं के लिए यह समय अपने माता पिता के सनिध्य में रहने का हैं। बच्चों को सृजनात्मक कार्यो में व्यस्त रखें।उन्हें चित्र बनाना सिखाए संवादात्मक खेल खेले कहानी सुनाएं दिन का बड़ा भाग उनके साथ खेल कर व्यतित करें। हो सकता है यह मौका दुबारा ना आए। उनसे कुछ सीखें उन्हें कुछ सिखाएं। काफी दिनों से टल रहे कार्यों को पूर्ण करें। मोबाइल और टीवी से दुरी बनाए रखें अथवा इनका प्रयोग भी सृजनात्मक दृष्टिकोण से करें।
याकिन मनिये बच्चों के साथ बिताया हुआ हर एक पल आपके द्वारा लाए गए किसी भी अनमोल उपहार से ज्यादा मुल्यवान होगा। और अगर आप हमेशा ऐसा कर पाते हैं तो अपने आप को सौभाग्यशाली समझें।
जितेन्द्र पटैल।
कोरोना की रोकथाम के लिए मिलने वाली यह लंबी छुट्टी और घर से काम करनें की आजादी ने हमें हमारे परिवार के साथ वक्त बिताने का सुनहरा अवसर प्रदान किया हैं। विशेष तौर पर अपने बच्चों के साथ और युवाओं के लिए यह समय अपने माता पिता के सनिध्य में रहने का हैं। बच्चों को सृजनात्मक कार्यो में व्यस्त रखें।उन्हें चित्र बनाना सिखाए संवादात्मक खेल खेले कहानी सुनाएं दिन का बड़ा भाग उनके साथ खेल कर व्यतित करें। हो सकता है यह मौका दुबारा ना आए। उनसे कुछ सीखें उन्हें कुछ सिखाएं। काफी दिनों से टल रहे कार्यों को पूर्ण करें। मोबाइल और टीवी से दुरी बनाए रखें अथवा इनका प्रयोग भी सृजनात्मक दृष्टिकोण से करें।
याकिन मनिये बच्चों के साथ बिताया हुआ हर एक पल आपके द्वारा लाए गए किसी भी अनमोल उपहार से ज्यादा मुल्यवान होगा। और अगर आप हमेशा ऐसा कर पाते हैं तो अपने आप को सौभाग्यशाली समझें।
जितेन्द्र पटैल।
Great thought...very nice
ReplyDeleteThanks Respected Dr. Aashish Ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Delete#youwritewhatwefeel 😊
ReplyDeleteThanks for the appreciation.🙏🏻🙏🏻🙏🏻
DeleteYour words are beautiful.
ReplyDeleteThanks for the appreciation.🙏🏻🙏🏻🙏🏻
DeleteGreat
ReplyDeleteThanks for the appreciation.🙏🏻🙏🏻🙏🏻
DeleteThanks 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteThanks a lot
ReplyDeleteWell written
ReplyDeleteThanks for the appreciation 🙏🙏🙏
DeleteYou have given very nice mesaage by your blog. I will try to spend more time with my family.
ReplyDeleteThanks for the appreciation 🙏🙏🙏
DeleteWow sir!!! Great thought!! I’ve always craved to stay with my family and from oast one and a half year im so glad that we all are together healthy and happy!!😁
ReplyDeleteThanks Mansi for your kind words of appreciation. Yes family remains our best support at any time 🙏🙏🙏
DeleteVery well written sir
ReplyDeleteThanks a lot 🙏🙏🙏
DeleteNice 🙂👍
ReplyDeleteThanks a lot Harshita 🙏🙏🙏
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