अंत अस्ति प्रारंभ

 साल 2022 के अंत के साथ ही हम नव वर्ष 2023 का अभिनंदन करते हैं।‌ जैसा कि कहा गया है अंत अस्ति प्रारंभ अर्थात अंत ही प्रारंभ है कहने का तात्पर्य यह है कि जाने वाला साल हमें कई चीजें सीखा कर जाता है और  हमें नए साल की नई चुनौती का सामना करने का सक्षम बनाता है। 2020 में आई कोरोना जैसे महामारी से हम लड़कर बहार आए हैं और साल 2022 कई मायनों में सामान्य रहा। 

पिछले कुछ वर्षों  में आई कठिनाइयों ने हमें मानसिक रूप से काफी दृढ़ बनाया है। हमारे स्वास्थ्य विशेषकर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना सिखाया है। ग्लोबलाइजेशन और ऑनलाइन माध्यमों से दुनिया काफी सिमट गई है और हम सभी ने नए कौशल विकसित किए है और शिक्षा को नए आयाम प्रदान किए है। 

भारत के लिए यह साल काफी अच्छा रहा वैश्विक मंदी के इस दौर में भारतीय अर्थव्यवस्था ने बेहतर प्रदर्शन किया जब युद्ध की वजह से विश्व में खाद्यान्नौ की कमी हुई तब भारत ने उसकी आपूर्ति की । विश्व के सारे बड़े देशों के द्वारा भी आने वाले दशक को भारतीय अर्थव्यवस्था का युग बताया जा रहा है इसलिए आने वाले साल से काफी उम्मीदें हैं। उद्यमिता  के क्षेत्र में नए भारतीयों उद्यमीयों  ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया वैसे कुछ क्षेत्रों में हमें अभी भी सुधार करना है रोजगार उनमें से एक है। 

युवाओं को नए कौशल विकसित करना होगा और नवाचार के प्रति जागरूक होना होगा।वर्ष 2022 में नई शिक्षा नीति को भी स्कूलों और कॉलेजों में लागू किया गया आने वाले वर्ष में उससे आए सकारात्मक बदलाव और शिक्षा की गुणवत्ता में आए सुधार देखने मिलेंगे।

इस वर्ष शिक्षकों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को 21वी सदी की शिक्षा अनुरूप नवाचार अनुसंधान पेटेंट और नवीन संभावनाओं को तलाशने पर जोर देना चाहिए।इस वर्ष हमने आजादी का अमृत उत्सव भी मनाया। आजादी के पचहत्तर वर्ष पूर्ण होने तक हमने काफी विकास किया है और आगे भी इसे जारी रखना होगा।

पिछले कुछ साल के विपरित परिस्थितियों पर हमने सकारात्मक सोच और उर्जा के साथ के विजय पाई है हमें इसे आगे भी जारी रखना है।कोरोना से सबक लेकर प्रकृति और ईश्वर के प्रति कृतज्ञ रहे। आत्म चिंतन और आत्म विकास पर जोर दिजिए नव वर्ष पर छोटे और यथार्थवादी लक्ष्य बनाए और उन्हें पूरा करें परिवार और मानसिक शांति को प्राथमिकता दें। कुछ नया सीखे और अपनाएं मानवीय संवेदनाओं और  मूल्यों को महत्व दें। 

सर्वस्तरतु दुर्गाणि सर्वो भद्राणि पश्यतु सर्वः कामानवाप्नोतु सर्वः सर्वत्र नन्दतु अर्थात सभी जन विपत्तियों को पार करें सभी का कल्याण हो सभी की इच्छाएं पूर्ण हो और सभी आनंदित और उत्साहित हो की कामना रखते हुए सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

यह  लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं 

जितेन्द्र पटैल  

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