आध्यात्मिक उद्यमिता
भारतीय दर्शन हमेशा से प्रबंधन और आध्यात्मिकता को जोड़ते आया हैं। भारतीय संस्कृति के अनुसार उद्यमिता और आध्यात्मिकता में भी एक गहरा संबंध है। उद्यमिता हमारे आंतरिक मूल्यों जैसे की आध्यात्मिकता और संस्कृ ति से ही संचालित होती हैं। उद्यमिता में समाजिक समस्या और उसके समाधान की बात होती हैं। एक अच्छा उद्यमी समस्या का व्यापारिक समाधान ढुंढ कर नए उद्ययम की शुरुआत करता है और उस से धन कमाता हैं। धन का संचय और लाभ कमाना आध्यात्मिक विचार में भी सही मना गया हैं। वहीं आध्यात्मिकता हमें अंतरिक संतुलन ,समाजिक उत्थान एवं व्यक्तिगत विकास की बात करतीं है। जब हम आध्यात्मिकता और उद्यमिता को मिलाते हैं तो हम पाते हैं कि एक आध्यात्मिक उद्यमी अपने परितंत्र(ecosystem) में सकारात्मक सुधार लाता है। वह स्वयं संतुलित रहकर अपने परितंत्र के महत्वपूर्ण तत्वों को भी संतुलित करता है। वह समाजिक कल्याण और समाज के हर तबके को जीवन यापन के सही अवसर प्रदान करता हैं। आध्यात्मिकता जन कल्याण की बात करतीं हैं और उद्यमिता लाभार्जन की जब दोनों मिलतें ह...