सफरनामा
यह लेख मेरी माँ द्वारा पिछले वर्ष की गई उत्तर पूर्वी / पूर्वोत्तर राज्यों ( सेवन सिस्टर ) में की गई यात्रा पर आधारित है इस लेख में भाव मेरे है पर हर शब्द मेरी माँ का है । जैसा कहा गया है पग बिनु चले सुनु बिनु काना कर बिनु करम करे विधि नाना हे प्रभु जैसा कि सर्व विदित है तेरी महिमा अपरम्पार है हे प्रभु मेरी इस यात्रा के प्रबंधन के लिए तेरा कोटिशः धन्यवाद । दिनांक १३ . ६ . २०२४ को भोपाल से यात्रा शुरू हुई प्रयागराज होती हुई पटना स्टेशन पहुंची । पटना में माँ गंगा का विशाल पुल और तेज बहती गंगा देखकर मन गदगद हो गया ट्रैन अपनी मंद गति से चल रही थी । बिहार और उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी थी परन्तु रेल से दूर दूर तक दिखते हरे भरे पेड़ और खेतो की हरियाली आखों को सुकून दे रही थी । गंगा का यह कछार भारत की कितनी आबादी का भरण पोषण करता है ईश्वर की यह नेमत अतुलनीय है । हमे नदियों और पेड़ों को अवश्य बचाना चाहिए ...