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भज ले प्रभु नाम

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पिछले दिनों प्रसिद्ध वेबसीरीज पंचायत के तीसरे सीजन में प्रस्तुत सोहर गीत राजाजी बहुत ही लोकप्रिय हो रहा है और भोजपुरी संस्कृति से हमें अवगत करता हैं मूलतः सोहर गीत बच्चे के जन्म पर और रामनवमी और जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर गया जाने वाला भजन हैं माना जाता है सोहर गीत त्रेता युग में भी गया जाता है वैसे संगीत एवं भजन शुरू से ईश्वर प्राप्ति और आराधना का एक बहुत ही अच्छा माध्यम रहा है भजन और कीर्तन से व्यक्ति न केवल आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करता है बल्कि भजन आम आदमी को ईश्वर से जोड़ने का बहुत ही सुंदर और सरल रास्ता है। अपनी सरल भाषा और लय के कारण कोई भी भजन आसानी से याद हो जाता है।  भारतीय संस्कृति में भक्ति काल में हुए कई विद्वान और कवि जैसे तुलसीदास, सूरदास, मीरा रसखान ने सरल भाषा और आम बोलचाल में लिखे अपने दोहों और कविताओं से भक्ति  को हर घर में पहुंचाया। साथ ही कबीर और रहीम जैसे कवियों अपने दोहों से ने सामाजिक कुरीतियां पर अपनी बेबाक राय रखी।  भजन और संगीत किसी धर्म विशेष तक सीमित न रहकर सभी धर्मों में गाए जाते हैं फिर चाहे वह इस्लाम में कव्वाली या सुफी संतों द्वारा गाए ग...

गुरु भगवन्ता

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 चलिए आज के लेख की शुरुआत एक अच्छी कहानी से करते हैं। एक बार एक व्यक्ति की कुंडली में भगवान ब्रह्मा भटकाव, अस्थिरता और गरीबी लिख कर देते हैं। भगवान उस व्यक्ति की किस्मत में सिर्फ एक भैंस देते हैं और उसे सारी उम्र उसी भैंस के सहारे जीवन बिताने का काम देखें है। वह आदमी जैसे तैसे उस भैंस के साथ अपना गुजारा करता है। तभी उसके जीवन में एक गुरु आते हैं और वह उन्हें अपनी व्यथा सुनाता है। गुरु उसे कहते हैं कि वह अपनी भैंस बेच दे। और गुरु के कहने पर वह अपनी भैंस बेच देता है। अब चुंकि उसकी किस्मत में एक जानवर लिखा था इसलिए ब्रह्मा जी उसे एक गाय दे देते हैं और वह गुरु जी के कहने पर गाय भी बेच देता है। आप उसे एक और गाय मिलती है और वह गुरु जी के कहने पर उसे भी बेच देता है। यह सिलसिला रोज का हो जाता है। और ब्रह्मा जी रोज रोज गाय देकर बहुत परेशान हो जाते हैं। वह उस व्यक्ति के गुरु के पास पहुंच कर कहते है कि यह समस्या कैसे हल होगी तब गुरु जी कहते हैं कि आपने मेरे शिष्य के जीवन में अस्थिरता और भटकाव दिया है उसे ठीक कर दिजिए और उसे एक अच्छा, कुशल, स्थिर और सम्पन्न जीवन का वरदान दिजिए तब वह आपको परेशा...

रामो विग्रहवान् धर्मः

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आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर में प्रभु श्रीराम का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव है और यह करोड़ो हिंदुओं की असीम आस्था, श्रद्धा और विश्वास की विजय का भी उत्सव है। वैसे आस्था, श्रद्धा और विश्वास  भारतीय संस्कृति के मूल स्तंभ है । श्री राम भारतीय सभ्यता की प्राण वायु है और हमारी संस्कृति की आत्मा है।  राम मंदिर की गाथा सिर्फ एक मंदिर की कहानी नहीं है अपितु यह आस्था, राजनीतिक साजिश और अपनी आत्मा की खोज में लगे एक राष्ट्र की महागाथा है। भगवान राम का जीवन और उनका संघर्ष हमें हमारे दैनिक जीवन जीने की व्यावहारिक शिक्षा देता है। प्रभु श्रीराम का जीवन यह सिखाता है कि वीरता का गुण देवताओं के लिए आरक्षित नहीं है; परंतु वह हमारे द्वारा किए गए  कार्यों और आचरण के कारण हमें  वीर बनाता है। श्रीराम का आदर्श जीवन हमें साधारण मानव से असाधारण मानव बनने की प्रेरणा देता है। सदाचार और धार्मिकता के प्रतीक भगवान राम और उनकी जीवन यात्रा हमें रोजमर्रा के संघर्षों से संबंधित बहुमूल्य सबक सिखाती है। यह यात्रा अपूर्णता से पूर्णता भरे जीवन की ओर एवं कठिनाई और चुनौतियों पर विजय कर अपने जीवन के शी...