शक्ति और सामर्थ्य
आज के लेख की शुरुआत भगवान बुद्ध की एक कहानी से करते हैं। महात्मा बुद्ध की शिक्षा तथ्यवादी सत्य को प्रमाणित करती हैं और प्रासंगिक है बुद्ध आध्यात्मिक दृष्टिकोण के साथ व्यवहारिक ज्ञान पर भी जोर देतें हैं। हम सौभाग्यशाली है कि बुद्ध का ज्ञान हमें प्राप्त हुआ। बचपन में हम सभी ने डाकू अंगुलिमाल की कहानी सुनी है। डाकू अंगुलिमाल लोगों को लूटकर और उनको जान से मारकर उनकी ऊंगली की माला बनाकर पहन लेता था, जिससे उसका नाम अंगुलिमाल हो गया। भगवान बुद्ध से मुलाकात होने पर उनके तेज से प्रभावित हो गया। भगवान बुद्ध ने उससे एक पेड़ से दस पत्तों को तोड़कर लाने को कहा I बाद में उन्हें जोड़ने को कहा जिसे करने में वह असमर्थ हो जाता हैं। तब तथागत उसे कहते हैं कि तुम यह हिंसा कब रुकोगे और वह इससे सीख लेकर संत बन जाता हैं। अगर हम देखे तो यह कहानी हमें शक्ति और सामर्थ्य के उचित उपयोग की शिक्षा देतीं हैं। जब भी हमारे पास शक्ति और सामर्थ्य