वीणा वादिनि वर दे
आज के लेख की शुरुआत एक रोचक कहानी से करते हैं। एक बार एक शिकारी कुछ तोतों को अपने साथ लेकर जा रहा था।उसके पास कुछ हरे और एक रंगबिरंगा तोता था। वहां पर से एक साधु गुजर रहा था उसे तोतो को कैद में उन पर दया आ गई। उसने शिकारी से अनुरोध किया की इन पक्षियों को मुक्त कर दे। शिकारी ने विरोध करते हुए कहा कि पक्षियों को पकड़ना और उन्हें बेचना उसकी रोजी रोटी का साधन है और वह इन्हें मुक्त नहीं कर सकता है। अगर साधु चाहे तो उन्हें खरीद सकता है। साधु उससे उनकी कीमत पुछता है और सारे तोतों को खरीद पाने में असमर्थ हो वह एक रंगबिरंगा तोता खरीद लेता है। वह उस तोते को समझता है कि तुम लोग कितनी सदियों से शिकारी के जाल में फंस रहे हो। आज में तुम्हें ऐसा मंत्र देता हूं जिसे समझ कर कोई भी तोता शिकारी के जाल में नहीं फंसेगा तुम यह मंत्र अपने सारे साथियों को सिखाना और फिर तुम हमेशा मुक्त रह सकते हो। साधु तोते से कहता है कि इस मंत्र को मेरे पीछे बोलो " शिकारी आएगा जाल बिछाएगा दाना डालेगा हम नहीं फसेंगे " । तोता अच्छी तरह इस मंत्र को याद कर लेता है और फिर जंगल जाकर अपने...